Hindutva Mukta Bharat Ki Or Review | हिंदुत्व मुक्त भारत एक समीक्षा

Hindutva Mukta Bharat Ki Or Review | हिंदुत्व मुक्त भारत एक समीक्षा परिचय भारत की विविधता में जन्मा हमारा समाज आज कई जटिल और गहरे सवालों से जूझ रहा है — वह सवाल जो जाति, धर्म, वर्ग, लैंगिकता और सत्ता के स्वरूप से जुड़े हैं। कांचा इलैय्या शेपर्ड की पुस्तक Hindutva Mukta Bharat ki Or “हिंदुत्व मुक्त भारत” हमें इन सवालों का सामना करने, समझने और उनका समाधान खोजने के लिए एक नई दृष्टि प्रदान करती है। यह किताब दलित-बहुजन समाज के संघर्ष, उनके वैज्ञानिक और सांस्कृतिक अनुभवों को उजागर करती है और मनुवादी वर्चस्ववादी सोच से मुक्त एक समतावादी भारत की परिकल्पना करती है। इस ब्लॉग में हम पुस्तक के प्रमुख अध्यायों का अवलोकन करेंगे और समझेंगे कि कैसे लेखक ने विभिन्न सामाजिक पात्रों और विचारों के ज़रिए भारत के वर्तमान सामाजिक संकट का विश्लेषण किया है। 1. बिना भुगतान के शिक्षक: समाज के निःस्वार्थ ज्ञानवाहक किसी भी समाज का विकास तभी संभव है जब उसका ज्ञान आज़ादी से सभी तक पहुंचे। भारतीय बहुजन समाज के कई वर्ग बिना किसी आर्थिक लाभ के शिक्षा और ज्ञान को आगे बढ़ाते हैं। ये शि...